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Feb 2021
हँसी रात तारों भरी
बादलों की ओट से झाँके चाँदनी मदभरी
यह नज़ारा कितना प्यारा
स्याह फलक में झिलमिलाता गलियारा
छुप जाएँगे तारे
फैलेगा जब सूरज का उजियारा
यह  नज़ारा कितना प्यारा
चमकेगा जगमग जब यह जग सारा
सूरज की यह लाली शाम आयी मतवाली
पंछी परिंदो ने राह ली घरवाली
यह नज़ारा कितना प्यारा
थके जिस्मों को आशियाँ
का सहारा
हँसी रात तारों भरी
बादलों की ओट से झाँके चाँदनी मदभरी
यह नज़ारा कितना प्यारा
स्याह फलक में झिलमिलाता गलियारा
छुप जाएँगे तारे
फैलेगा जब सूरज का उजियारा
नयी उमंगो संग नयी तरंगों संग
करने ख़्वाबों को सच
आयेगी सुबह फिर नयी निराली
यह नज़ारा कितना प्यारा
खो ना देना नींद में ही
उगते सूरज के जोश सा
हौंसलों का पिटारा
Written by
Shabistan Firdaus  44/F/Dubai
(44/F/Dubai)   
  181
   Khoisan
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