हँसी रात तारों भरी बादलों की ओट से झाँके चाँदनी मदभरी यह नज़ारा कितना प्यारा स्याह फलक में झिलमिलाता गलियारा छुप जाएँगे तारे फैलेगा जब सूरज का उजियारा यह नज़ारा कितना प्यारा चमकेगा जगमग जब यह जग सारा सूरज की यह लाली शाम आयी मतवाली पंछी परिंदो ने राह ली घरवाली यह नज़ारा कितना प्यारा थके जिस्मों को आशियाँ का सहारा हँसी रात तारों भरी बादलों की ओट से झाँके चाँदनी मदभरी यह नज़ारा कितना प्यारा स्याह फलक में झिलमिलाता गलियारा छुप जाएँगे तारे फैलेगा जब सूरज का उजियारा नयी उमंगो संग नयी तरंगों संग करने ख़्वाबों को सच आयेगी सुबह फिर नयी निराली यह नज़ारा कितना प्यारा खो ना देना नींद में ही उगते सूरज के जोश सा हौंसलों का पिटारा