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Aug 2020
मन मोरा बावरा

मन मोरा बावरा, बिना समझे, तोहसे नेहा लगाय

यह निर्मल प्रीत पिया, दुनिया समझ न पाय

बता जा इस कश्मकश में, हम जाए तो कहां जाए

कभी तो, कोई तो आ के, रास्ता हमें बता जाए ।

दुनियां की सोच के साथ, हम चल नहीं पाए ;

मन मोरा है बावरा, उसे लेकर हम जाए तो कहां जाए

प्रीतम, दिल दिमाग की कश्मकश में हम बावरे हो न जाए  

कभी तरस खाकर आजा सांवरे, हम यह बावरे मन को कैसे समझाए

Armin Dutia Motashaw
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