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Aug 2020
बहुत बडी दी हरएकने कुरबानी, तब मिली हमें आज़ादी ;

पर आज कल पटरी से उतर रही है यह जजबातों की गाडी ;

आज हो रही है हमारे देश में  कितनी बरबादी;

खतरे में है हमारी संस्कृति, और अपनी खुबसूरत वादी ।

अब तो  खतरे में है, अपने  देश की आजादी;

आज इस दिन , चलो करे अपने आप से एक वादा

आज करे, अपने आप से एक अटल इरादा

हरएक करे काम थोडा थोडा, भले  न कर सकें ज्यादा

चलो बना दे तिरंगे का हर रंग, और भी घाडा;

अपने शहीदों को दे दे  श्रद्धांजलि के साथ सनमान जरा ज्यादा

उनकी कुर्बानी जाये न खाली, भूखा न रह जाए उनका परिवार

थोड़ी दे दे उन्हें भी खुशीयां, थोडा सा अपना प्यार ।

जो देते हैं अपने लिये उनकी जान, बिखर न जाये  उनका परिवार ।

गर हर भारतीय दे थोदासा दान, तो हो जायेगी उनकी नैया पार ;

तो बढ़ा ऑ  कदम आगे, किस बात का है तुम्हे इंतज़ार ।

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Armin Dutia Motashaw
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