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Jun 2020
भाव का मैंने फल एक लाया
उसका मैंने रस है निकाला
रस से मैंने स्याही बनाई
उसी से एक कविता लिख डाला

तुकबंदी का मिर्च मसाला
अच्छी तरह से इसे कुटा मेरे भाया
महक जो उसका कमाल पाया
अंदर तक मैंने उसको है मिलाया

कल्पना में जो रंग भरा है
उसी रंग से रंग दे पन्नों को
स्वाद है डाला इसने ऐसा
जलन हो जाए मीठे गन्नों को

ये सब लेकर तुम भी एक दिन
लिखो रचनाएं बहुत सारे
कविता कैसे बनती है यह
समझाया मैंने तुम्हे प्यारे
Sohamkumar Chauhan
Written by
Sohamkumar Chauhan  23/M/Vasco da Gama, Goa
(23/M/Vasco da Gama, Goa)   
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