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Jun 2020
जिंदगी एक आग है, जिसमें हम जल रहें है।
पूरा जल ना सके, धीरे धीरे सुलग रहे है।
ना जाने कब मिलेगी इस जलन से राहत,
धुआं  बनकर धीरे धीरे फना हो रहे है।
ना कोई आस है बस एक प्यास है,
कि शायद कहीं प्यार के बादल बरस रहे है।
इसी इंतजार में हम तरस रहे है, तरस रहे है
कब खत्म होगा ये इंतजार इसी सोच में नैना बरस रहे है।
Written by
Monika
75
     Benzene and Shrika
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