तुम दो पल की नजाकत को प्यार कह रहे थे तो उम्र भर क्या घरवाले अवसाद मे जी रहे थे। पिता के पसीने से ज्यादा माँ के आँसू बह रहे थे तुम फिर भी किसी और को अपना यार कह रहे थे।।
किसी का दिल टूटे ऐसा व्यवहार अच्छा नही होता कमाई से ज्यादा उधार अच्छा नही होता। और ये इश्क़-मोहब्बत सब बाद की बातें हैं क्योंकि पढाई की उम्र में प्यार अच्छा नही होता।।