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May 2020
क्रिएटिव राइटिंग का कोर्स था करना,
साइंस का नहीं,
पोएट्री का स्वाद था चखना !
गिरना है,
पर कुछ सीखना है उससे,
भागना है,
पर गति का ध्यान रखना है ।
संभालना है,
और हमेशा खुदका ध्यान रखना है ।
क्या मतलब जब में खुश नहीं हूं ?
क्या मतलब जब में इतना सेह रही हूं ?
चलो मान लिया कि सब ठीक है,
पर मुझे ऐसे नहीं जीना !
सब का मन्न रखते,
खुद को खोती जा रही हूं ।
डर लगता है कि कहीं इतनी गुम ना हो जाऊ,
की वापस ही ना लौट पाऊ ।
यह टूटे ख्वाब लेके में कहा जाऊ ?
इस धरती पे, किस पराए को अपना बनाऊ ?
सबको लगता है कि मेरी लाइफ तो सेट है क्यूंकि यह बंदी तो सबके सामने हस्ती है,
पर केसे बताऊ की ज़िन्दगी केसे कट रही है ?
Muskan Purohit
Written by
Muskan Purohit  16/F
(16/F)   
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