क्रिएटिव राइटिंग का कोर्स था करना, साइंस का नहीं, पोएट्री का स्वाद था चखना ! गिरना है, पर कुछ सीखना है उससे, भागना है, पर गति का ध्यान रखना है । संभालना है, और हमेशा खुदका ध्यान रखना है । क्या मतलब जब में खुश नहीं हूं ? क्या मतलब जब में इतना सेह रही हूं ? चलो मान लिया कि सब ठीक है, पर मुझे ऐसे नहीं जीना ! सब का मन्न रखते, खुद को खोती जा रही हूं । डर लगता है कि कहीं इतनी गुम ना हो जाऊ, की वापस ही ना लौट पाऊ । यह टूटे ख्वाब लेके में कहा जाऊ ? इस धरती पे, किस पराए को अपना बनाऊ ? सबको लगता है कि मेरी लाइफ तो सेट है क्यूंकि यह बंदी तो सबके सामने हस्ती है, पर केसे बताऊ की ज़िन्दगी केसे कट रही है ?