यह दूसरो की बेटी को छेड़ के खुदको स्टड समझते है,
और खुदके घर की लड़कियों को पर्दे में रखते है ।
अपनी बहन का मुंह बंद कर,
खुदको रक्षक बताते है ।
क्या उसूल है इनका ?
हर लड़की पे मरते है,
पर फिर भी खुदको शरीफ बता रहे ।
जुठ बोल के,
फ़ालतू रेप्यूटेशन का रोना गाए जा रहे ।
यह वोह ही है जो " show me your ***** " वाला मेसेज भेंज,
चौराहे पे चार लोगो के साथ, रिप्लाइ का वेट कर रहे ।
अभी भी तेरे थरक की बात नहीं है ?
यह लोग तो हमेशा सही है ।
एक्साइट हुए तो लड़की के तन की गलती है,
यह भूल रहे है कि वैसे ही एक तन से निकल,
अपने मा का दूध पिके,
इस धरती पर चल रहे है ।
इनका एगो ना हर्ट हो जाए बस,
क्यूंकि फिर यह एसिड फेक,
डर और जोश दिखा रहे ।
अभी भी हम शांत रहेंगे ?
भाई तुम गलतफहमी में जी रहे ।
"क्या माल लग रही है यार वोह " यह बोलने में तू नई कतराया,
पर तेरे बहन को बोला गया तब तेरी केसे गान्ड फट गई और तू सिर चड गया ? वोह तूने नहीं बताया ।
तेरी **** कितनी hard,
यह बताने में लाज़ याद नहीं आयी ?
अब periods पे बात आ रही है तो तेरेको घिन आ गई ?
इनकी नीयत हराम है ।
नज़रे नहीं संभालती,
ना शरम आ रही है ।
देश के केसे हाल है ?
जब ऐसे इंसान है ?
इनका दिल कठोर और,
दिमाग में गंध है ।
उसकी चीख में दर्द में,
क्या रेप के पीछे एक सच्चा मर्द है ?
उसके कपड़ों में तकलीफ नहीं,
पर इनके दिमाग में खोट है ।
क्या सच में इन लोगो की इतनी गिरी हुई सोच है ?
खुदको राजा समझते है,
पर इनमें कुछ दम नहीं है ।
नामर्द है और धरती पे इसी का काम काज नहीं है ।
जीने के भी हकदार नहीं यह, टांगो न सालो को,
किस बात का डर है ?
आज फिरसे एक नन्ही परी की जान पे बात आई है,
और तुम्हे बस इस बात का खेद है ?
कोई एक्शन नहीं लेगा,
आवाज़ नहीं उठाएगा तो,
रोज एक रेपिस्ट जन्म लेगा ।
एक कदम बढ़ेगा और रेप होगा,
फिर कोन ज़िमेदार होगा ?