मेरी और मेरी हसीं की आपस में कभी बनी नहीं मेरी और मेरी हसीं की आपस में कभी बनी नहीं जब जब मैं कभी बहुत हसीं हु तब तब रोई भी जबरदस्त हु सब कहते काले लोगो को नज़र नहीं लगती लेकिन मेरी हसीं को कई बार नज़र लगी है और वो खफा भी हुई है मुझसे अब तो आलम कुछ यू है की किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता जैसे मुझे खुद मेरी हसीं से मतलब ना रहा अब क्यू कि मुझे खुद को अब लगने लगा है मेरी सारी प्रॉब्लम्स यही जो लाती है हा तो यह सच है मेरी और मेरी हसीं कि अब बन नहीं रही या कह दो कि मेरी और मेरी हसीं की आपस में कभी बनी ही नहीं ।