Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Feb 2020
तेर‍ी मुस्कान
लायी चिढ़ीयों के पैगाम
और खुला आसमान

तेरी चाँद जैसी सूरत
ने चील जैसी रोमाँचित
दिल से तिरछा कर दिया

मेरे दिल की रिमझिम पुकार
तुम्हारे होंठ पर एक आवाज़
केलीये शाँत हो जाती है
Aditya Roy
Written by
Aditya Roy  27/M/New Delhi, India
(27/M/New Delhi, India)   
14
   Indeed
Please log in to view and add comments on poems