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Feb 2020
कौन लिपटा है ऐसे ही तुमसे आकर 

कुछ तो रिश्ता होगा 
पतंग और पेड़ का !!!
जड़ और उड़ान का 
डोर और डाल का 
पत्तों और झोल का 

कुछ तो रिश्ता होगा  ! 

कुछ तो इश्क़ होगा  
ऊँचे-ऊँचे उड़ने में  
कटने और जुड़ने में  
हवा से लिपटने में 
पाखियों से मिलने में। 

कुछ तो रिश्ता होगा 
पतंग और पेड़ का?

कौन लिपट रहता है ऐसे 
कौन हो रहता है तुम्हारा  
और बना लेता है 
अपनी ही डोर का फंदा।

 कुछ तो रिश्ता होगा  !!
Written by
Rajinder  M/Gurgaon India
(M/Gurgaon India)   
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