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Armin Dutia Motashaw
Poems
Oct 2019
सूजे ना
सुजे ना
सूजे ना शब्द सही, लिखूं मै क्या
सूजे ना सुर कोई, गावू मै क्या ?
पूजा अर्चना के लिए, जागे ना भाव ;
भजन रचु मै कैसे, मांगू तेरा सुझाव।
हे मा शारदा सरस्वती कृप कर मुझपर;
रची जाए न मुझसे, रचना तुझ पर।
ओ मां दे आज कुछ ऐसा वरदान ;
सुर और शब्द बहे ऐसे, मूर्तिमें आ जाए जान ।
आस्था और विश्वास दृढ़ हो जाए ;
कुछ ऐसा हो चमत्कार, कि गंधर्व भी गाए ।
दे दे मुझे मा, आज यह वरदान ;
मेरे श्रृद्धा भरे शब्द करे तेरा अवलोकिक बयान।
Armin Dutia Motashaw
Written by
Armin Dutia Motashaw
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