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Oct 2019
नैना

सपनों से भरे थे यह सुंदर, सपनो से भरे नैना

कैसे बयां करू मैं, न शब्द है, न सुझे कोई बैना ;

पर सपने सारे हो गए हैं चूर, खो गया है मन का चैना

अब जागती हूं मैं, सारा दिन और सारी सारी रैना

चुपके चुपके, रोते हैं यह एक बार के हस्ते हुए नैना ;

हुआ करते थे कभी यह एक खूबसूरत चेहरे का गेहना ।

Armin Dutia Motashaw
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