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Oct 2019
खतरनाक खेल

ओ मेरे मालिक, समझ में न आए तेरा यह खतरनाक खेल

गुंडे बदमाश छड़े चोक मझा लूटे, और निर्दोष जाए जेल !!!

या तो फिर गुंडों की हो जाती है, एक दो दिन में बेल ।

प्रेमी बिछड़ जाते हैं या कभी होता ही नहीं उनका मेल;

कभी रब की बनाई जोड़ीओ के दिल मिलते ही नहीं;

या तो फिर उनके साथ, होता ही नहीं कुछ सही

शादी के बाद मजबुर हो जाते है सोचने के लिए, क्या यही है वही??

तेरी लीला समझ में न आई है, न आएगी कभी; समझने, मै तरस रही ।

माना, हम तेरे हाथो की कतपुटलिया है, पर थक गए नाचते;

बेईमान लोगो, आरामसे सुख सुविधाओं में है राचते;

और बिचारे ईमानदार लोगोंको सताता है संसार, और लोग उन्हें है जांचते

बुरे लोग, भले लोगोंको आग में  है झोंकते और खुशी से है नाचते।

मुझे कुछ समझ न आए,  इस लिए पूछ रही हूं, यह कैसा है तेरा खेल????

Armin Dutia Motashaw
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