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Oct 2019
दिल लगाने की सज़ा

यह क्या किया तुने मेरे मालिक, पल भरमे मेरा दिल हो गया पराया ;

उसके बिना बेजान हो कर जी रहा हूं; मेरे ही दिल ने मुझे हराया ।

प्यार हो जाता है यह सुना था; लेकिन इस उलझन में तुने, मुझे क्यू भरमाया

यह दिल अब अपना भी नहीं, और नहीं है उनका, हालात से मै हूं घभराया ।

दिल मुफ्त में दे दिया उनको; ऊपर से सज़ा मिली मुझे, दिल लगाने की

स्थिति बहुत ही बुरी है, इस बेकसूर गरीब मुफलिस  बेगाने की ।

कुछ तो बता, पूछ पूछ के थक चुका हूं मैं, ओ मालिक मेरे;

क्या इस दिल लगाने की भी  सज़ा होती है दरबार में तेरे ???

Armin Dutia Motashaw
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