खुद को पाना है तुम्हे पाने से पहले पर तुम्हे पाकर खुद को खोना नहि है क्योंकि जानती हूं दिमाग कितना ज्यादा लगाया है खुद को हासिल करने में तो इतनी मेहनत के बाद खुद को खो दू... ना,कभी नहीं तुम्हे पाने की चाह है पर खुद को ना खोने कि ज़िद भी है आखिर इतनी मेहनत लगी है जनाब... इसे ऐसे व्यर्थ तो नहीं जाने दूंगी तो अगर तुम्हे कुछ कष्ट हो मुझे मेरे जैसा रहते हुए चाहने में तो जनाब तुम आजाद हो नहीं पूछूंगी तुमसे क्यों नहीं हो साथ मेरे क्योंकि गुरूर होगा मुझे खुद के साथ रहने में तुम भी खुश रहना मै भी मज़े में रहूंगी अकेली मत समझना क्योंकि मै खुद के साथ रहूंगी अपनी पहचान के साथ रहूंगी... अपने आप को खो कर,तुम्हे पाना ना, ये मेरे दिल को नहीं है गवारा।