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Armin Dutia Motashaw
Poems
Sep 2019
किनारा
किनारा
खुश रहो आप सदा, यह है अंतर से निकली दुआ
हमें तो डुबो दिया प्यारने, बहुत ही घेहरा था वह कुआ
और खाली है हमारी प्यार की गागर ।
शायद तैर नहीं पाएंगे हम; यह गहरा है सागर
और हमसे, बहुत ही दुर है किनारा
जाने सब, तैर नहीं सकता वो प्रेमी, जो है मन से हारा
बस पैगाम एक है आप के लिए, खुश रहना हमेशा
खुदा सुने दुआ यह हमारी, उम्र दराजी हो तुम्हारी ।
Armin Dutia Motashaw
Written by
Armin Dutia Motashaw
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