Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Aug 2019
बोली

बोली ऐसी बोलिए के सुनने वाले को मिले शांति

चलो शुरू करें आजसे क्यों, अभिसे ही यह क्रांति

सोचिए , जरा मनमंथन कीजिए, क्या पसंद करते हैं आप ?

कोयल की कूक मन को लुभाती है ; और कौएकी बोली लगे श्राप।

बोली हो इतनी प्यारी और मधुर, जैसे हो कोई सुरीला गीत

श्रोता के कर्णपट को लगे यह मधुर भक्तिस्वरूप संगीत ।

मीठी बोली देती है मनको शांति और दिल को सुकून

"बस मीठा ही बोलिए"; काश मैं बना पाती ऐसा एक कानून ।

भले नहीं है ऐसा कोई कानून, कोशिश जरूर कीजिए;

फिर आपभी श्रोता बनके लुफ्त इस मधुर बोलीका लीजिए ।

Armin Dutia Motashaw बोली
80
 
Please log in to view and add comments on poems