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Aug 2019
दिल की पुकार

डरती हूं, पत्थर न बन जाए यह मेरा मोम जैसा दिल

तनहाई और दुख सेह कर हालात बन गए हैं जटिल

प्यार बिना, यह तनहाई बना न दे मुझे बेदिल

सुना है, बिना माया और प्यार के, बनते हैं कातिल

जिंदगी में आगे क्या लिखा है, जानता नहीं कोई

पर हर किसीने है, आशाएं और तम्मनाए संजोई

सुरीले सपनों की एक हसीन दुनिया है बोई

जो मिटने को है, यह देख कर, मैं मोती जैसे आंसु रोई !!!

जब अमावसया का अंधेरा छा रहा है चहू ओर ;

चांद को छुपा दे ऐसे काले बादल, छाए है घनघोर

जब आंधी तूफ़ान मचा रहे हैं जोर जोर से शोर

तब क्या करे यह दिया; उसमे कहां इतना जोर ?

उसे न घमंड है न किसी भी बात का है गुरूर ।

क्या तु मदद करेगा; या देखेगा तमाशा बैठ के दूर

क्या अभी भी चुप रहेगा तु; या भेजेगा कोई हुर

पुकारती हूं आपको तहे दिलसे, ऐ मेरे हुजूर

Armin Dutia Motashaw
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