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Aug 2019
शैतानियों के बल पे,दिखाओ बच्चों चल के,
ये देश जो हमारा, खा जाओ इसको तल के।

किताब की जो पाठे  तुझको पढ़ाई  जाती,
जीवन में सारी बातें कुछ काम हीं ना आती।

गिरोगे हर कदम तुम सीखोगे सच जो कहना,
मक्कारी सोना चांदी और झूठ हीं है गहना।

जो भी रहा है सीधा जीता है गल ही गल के,
चापलूस हीं चले हैं फैशन हैं आजकल के ।

इस राह जो चलोगे छा जाओगे तू फल के,
ये देश जो हमारा, खा जाओ इसको तल के।
ajay amitabh suman
Written by
ajay amitabh suman  40/M/Delhi, India
(40/M/Delhi, India)   
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   Shiv Pratap Pal
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