देवकी का दुलारा, यशोदा का नंदलाला, राधिका का श्याम मीरा का मोहन और भी बहुत है तेरे नाम
वासुदेव ने दिया तुझे, उनका नाम और नन्द का तु लाल, हे नंदलाल गोप गोपियों का तु सखा गोपाल, काला कलूटा, सब का प्यारा घनश्याम; जाग पुकारे तोहे, कृष्ण तेरा नाम
हे जग्गनाथ तोहे वंदन और प्रणाम; तु नटखट, तु प्यारा, सब को छेड़ने वाला सुदामा और अर्जुन का सखा तु सुभद्रा और द्रौपदी का प्यारा भाई तु; रंछोड़ तु, गिरिधर तु, कर्मयोगी तु ।
योगेश्वर भी तु, मनमोहन भी तूही; एक ही है तु, पर अनेक तेरे नाम
हर कोई पुकारे तोहे जब पड़े तेरा काम; करुणासागर कहे कोई तोहे ; स्वीकार करो हे गिरिधर अपने हर भक्त का प्रणाम ।