Hello P**try
Classics
Words
Blog
F.A.Q.
About
Contact
Guidelines
© 2024 HePo
by
Eliot
Submit your work, meet writers and drop the ads.
Become a member
Armin Dutia Motashaw
Poems
Apr 2019
काश ऐसा हो जाए
काश ऐसा हो जाए
थोड़ा सा प्यार, दूर से, तु क्यों न जताए;
पिया, तोरी याद मुझे दिन रात सताए
चांद में चेहरा तेरा नज़र आए
और ज़िल में से भी तु मुस्कुराए;
क्या करू, कहा जाऊ, कुछ समझ न आए !
कोयल की कूक से, दिल में हुक तु जगाए,
मयूर के नृत्य से भी, तेरी ही याद सताए ।
पुष्प के रंग और खुशबू भी मुझे तेरी ही याद दिलाए
पिया, काश मैं पंछी हो जाऊ, पंख मोहे आ जाए;
तो सब कुछ छोड़ कर, यह जोगन तेरे द्वार आए
मन ही मन सोचू, काश ऐसा कुछ हो पाए
तो मेरे देवता, नित दर्शन तेरे मिल जाए ।
Armin Dutia Motashaw
Written by
Armin Dutia Motashaw
Follow
😀
😂
😍
😊
😌
🤯
🤓
💪
🤔
😕
😨
🤤
🙁
😢
😭
🤬
0
75
Please
log in
to view and add comments on poems