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Feb 2019
बुझ गया उनके घर का दिया, उनका चेराग ;

छाया है अंधेरा; उजड़ गया है उनके अरमानों का बाग ।

'गर हर भारती केवल दे रूपए दस; जी लेगा शहीदों का परिवार;

और हमारे  देश के दुश्मनो की हो जाएगी हार ।

चलो आज मिलके रचे एक नया इतिहास

बता दें हम सब एक हैं, एक वतन, एक निवास ।

Armin Dutia Motashaw
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