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Jan 2019
बुरी नज़र

बड़ा दर्दनाक है समा, और दर्दनाक उसका असर;

मेरी खुशी पे, मेरी हसी पे लग गई है किसी की बुरी नजर ।

खुश रहती थीं मै, हमेशा मुस्कुराती थी, हसी से खिलखिलाता सारा घर।

पर रुलानेकी, दुनिया ने छोड़ी नहीं कोई कसर ।

क्यों जलती है यह दुनिया, औरो के सुखसे ? बड़ी बुरी है, किसिकी नज़र ।

Armin Dutia Motashaw
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