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Jan 2019
Happy Republic Day

आजादी मिली नहीं है यू आसानी से; बहुत बहा है, वीरो का खून ।

सलाम करती हूं हर सिपाही को; वाह वाह, क्या था उनका वो जुनून।

याद रखना है; भूलना नहीं है हमेंभी, वो जज्बा और जुनून ।

सोचो जरा, क्या कर रहे है हम; निकाल रहे है आजादी का जनाजा क्यों हम ?

विरो ने है प्राण गंवाए और बहाया है खून; कैसे उनका कर्ज चुकाएंगे हम?

करती होंगी आज उनकी रूह,  अफसोस और बेहद गम, जो होगा न कम ।

एकता होती, होती वतन परस्ती, तो आज कितने आगे होते हम; महकता यह चमन ।

पर हैं यहां देश द्रोही बहुत, बेच दिया है जिन्होंने अपना ईमान ।

बेच रहे हैं अपनी माता को, उसकी इज्जत कर रहे हैं नीलाम, सरेआम ।

Armin Dutia Motashaw
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