H'llo Poetry
Classics
Words
Blog
F.A.Q.
About
Contact
Guidelines
© 2024 HePo
by
Eliot
Submit your work, meet writers and drop the ads.
Become a member
Armin Dutia Motashaw
Poems
Jan 2019
खुशियों का असर
खुशियों का असर
बागो में फूल मेहके
आंगन में पंछी चेहके,
खुशी फैलाए हवा के ठंडे लेहके ।
बिन पिये, चढ़ता है नशा, जाना मैंने आज;
बिना उंगलियो के, राग भी छेड़ते हैं साज !
सुरीली लगती हैं मुझे आज मेरी ही आवाज़ ।
होता है जब दिल-ओ- दिमाग खुशी से तर बतर
नाज़ुक खुशबुदार कलियों से भर जाता है दामन, या बिस्तर !
हवाओं में फ़ैल जाती है खुशबू, माने बिखरा है अत्तर ।
दिल ने कहा, "यहीं तो है खुशियों का असर" ।
Armin Dutia Motashaw
Written by
Armin Dutia Motashaw
Follow
😀
😂
😍
😊
😌
🤯
🤓
💪
🤔
😕
😨
🤤
🙁
😢
😭
🤬
0
98
Please
log in
to view and add comments on poems