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Jan 2019
तेरा खत

बरसो बाद, आया मेरे पिया का, आज पैग़ाम ।

छलक रहा है खुशियों से आज मेरा जाम ।

पाव जमीं पे टिकते नहीं, अब क्या होगा अंजाम ।

लगता है सब कुछ खास, रोज जो लगता था आम।

चुमु उस खत को, जहां लिखा है पिया ने अपना नाम ।

या फिर दिल से लगा लू; आखिर अनमोल है इसका दाम ।

भेजु पिया तोहे मै अपना प्यार और सलाम ।

करू दुआ, सदा छलके तेरी खुशियों के जाम ।

Armin Dutia Motashaw
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