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Armin Dutia Motashaw
Poems
Oct 2018
सोच जरा
सोच जरा
क्यों यह भुल जाते हैं हम;
हर एक में होता है कुछ तो कम ।
खारे समंदर में होते है बेहतरीन मोती
और काले कोयले में छुपे होते है हीरे;
कांटो वाले गुलाब में होती हैं कमाल के खुशबू और रंग ।
ऐ मानव, अपने अंदर तो जरा ज़ांक;
खुदकी ऐब ओ से रहे जाएगा दंग ।
Armin Dutia Motashaw
Written by
Armin Dutia Motashaw
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