वक़्त बदल गया अब तुझसे वो शराफ़त ना रही, ये सच है कि अब हमे तुमसे वो मोहब्बत ना रही,
जिन हवाओं की सरसराहट से अक्सर तुझे पहचान लेता, तू छुप जाए कहीं तो तेरी आहट से तुझे जान लेता, देख वक़्त के साथ उन हवाओं में छुपी वो सरसराहट ना रही, हमे अब तुमसे मोहब्बत ना रही,
एक आदत सी थी हमें हरवक्त तेरे ख्यालों में खोने की, हरपल तेरा ज़िक्र करना तेरी तस्वीरों को देखकर सोने की, देख आज इन लबों पें हर वक़्त तेरे ज़िक्र ए आदत ना रही, हमें अब तुमसे मोहब्बत ना रही,
एक वक्त था जब तेरे अश्क़-ए-आंखों से हमे नफरत थी, ख़ुद का दर्द छुपकर तुझे हँसाते रहना ही हमारी फ़ितरत थी, आ देख हमे ग़ौर से आज वो अश्क़-ए-इबादत ना रही, ये सच है कि आज हमें तुमसे मोहब्बत ना रही,
यकीं ना था हमें की वक़्त के साथ तू भी बदल जाएगी, मासूमियत की आड़ में छिपे तेरी असली तस्वीर नज़र आएगी, आ देख आज वो तेरे साथ सैर ओ सरारत ना रही, हमे अब तुमसे मोहब्बत ना रही,
एक वक़्त था जब तुझसे पहले खुद पहुँच जाया करता, जब देखता तेरी आँखों मे खुद को भूल जाया करता, आज उस पल में वो पुरानी शामत ना रही, हमें तुमसे मोहब्बत ना रही.... हमें तुमसे मोहब्बत ना रही.....