शत शत नमन है उस सभी गुरु का जिसने हमें सही मार्ग पर चलना सिखाया, माँ ने हमें पापा कहना सिखाया,और माँ की खूबियों को लिखना तो आपसे आया,
सच कहूँ तो हमारे शब्द भी छोटे पड़ जाते गुरुवर आपके बखान में, अग़र आपका साथ न हो तो खूबसूरत शरीर भी मर जाता अज्ञान में,
वो पल तो हमे आज भी याद हैं पहले बेंच पर बैठ कर पढ़ना, जब भी होते आपके तरफ से सवाल,हाथ उठाकर सबसे आगे कहना,
गुरुवर आपका वो हर गलती पर हमें प्यार से समझना, ज़िन्दगी में सफलता का गुरूमंत्र बार बार बतलाना,
याद है हमें वो बातें जो आप क्लास में हमेशा कहा करते , मुश्किलों से लड़कर ही इंसान है अपनी ज़िन्दगी में निखरते,
अग़र गुरु विश्वामित्र ना होते तो भगवान राम को भी ज्ञान न होता, बिन गुरु सूर्योदय तो होगा पर ज़िन्दगी के पथ पर सवेरा न होता,
ना करें कभी भी अपमान अपने गुरु का क्योंकि ये हमारे मार्गदर्शक होते है, गुरु को आचार्य भी कहा जाता क्योंकि ये अपने आचरण से विद्यार्थी जीवन मे सफलता के बिज़ बोते है....
उन सभी गुरुओं का शत शत नमन जिन्होंने किसी न किसी रूप में हर क्षण हमारा मार्गदर्शन किया.....