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Avanish maurya
Poems
Aug 2018
मुझे जागना है..
बर्फीली रातों में मुझे भागना है
ज़िन्दगी जीने लायक मेरी आज ना है
पर यकीन है तक़दीर बदलेगी मेरी
सोना नहीं है मुझे जागना है
वज़ूद नहीं दुनिया की नज़र में कहीं
पर मिला के आँख सूरज को भी ताकना हैं
बिखर जाए किसी के पत्थर से हम वो काँच नहीं हैं
सोना नहीं हैं मुझे जागना है..
अर्श-
Written by
Avanish maurya
17/M/Delhi
(17/M/Delhi)
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