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Avanish maurya
Poems
Aug 2018
तुझे कौन सी उसकी परवाह है….
अपनी ममता को समेटे, तेरे सिर को प्यार से दुलारती थी |
तेरी नादानियाँ – गलतियाँ छिपाती, पापा का गुस्सा ठंडा कर तुझे प्यार से संवारती थी…|
तेरे देरी होने पर बढ़ जाती थी जिसकी धड़कने, अने पर झूठ-मूठ का गुस्सा कर.. प्यार से पुकारती थी. . |
जिसे नहीं थी परवाह अपने दर्द की, तेरी जरा सी बेचैनी में रात बिन सोए गुजारती थी.. |
तेरी हँसी में खुद कि खुशियाँ पाती, तेरे दर्द में जिसकी आंखें अश्रु झलकारती थी.. |
आज….,
छोटे से कमरे में रोती है वो माँ,
उसकी क्या खता थी ये तो बता….
तू तो चला गया उसे छोड़ कर,
उसका तेरे सिवा कौन है ये तो बता…
खुद खाना खाए पता नहीं कितने दिन बीत गए, पर तेरे लिए आज भी थालियाँ सजती है..
उसके प्यार में क्या कमी रह गई ये बता…
उस की आंख से आंसू झरते हैं, पर हलक से पानी नहीं उतरता…
उसको कितना दर्द दिया ये तो बता….
” तू क्यों बताएगा, तुझे कौन सी उसकी परवाह है..?
होती तो यों जिंदगी से मुह ना मोड़ता, उसको इतना दर्द क्यों दिया ये तो बता…… ||
Poem
Written by
Avanish maurya
17/M/Delhi
(17/M/Delhi)
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