ज़िन्दगी का मतलब बस कुछ लोग ही समझ पाते है, जिससे मोहब्बत होती साहब वही दर्द दे जाते है, कभी छुपी होती है मीठी बातों में गहरे राज, और कभी सबकुछ जानते हुए भी हम अनजान रह जाते है,
विश्वास की डोर उस वक़्त कमजोर पड़ जाते हैं, जब कोई इंसान शक के दायरे में आ जाते है, कभी वर्षो लग जाते है इस विश्वास को बनाने मे, और कभी कुछ लोग पलभर में इसे तोड़ जाते हैं,
कोई रुलाकर जाते है तो कोई हँसाकर जाते है, कोई अपना बन इस दिल को दुखाकर जाते हैं, वो मनीष तो कब का खो गया हैं खामोशियों की गलियों में, कोई इसे नासमझ तो कोई इसे हमारी मज़बूरी बता जाते है।