आज के बच्चे घर के संस्कारों में कहाँ पड़ते है, सुबह उठते ही चलो एक Selfie पोस्ट करते है,
आज online के चक्कर मे हम अपनो को भूलते जा रहे, Whatsapp/facebook को ही हम अपना बता रहे,
संस्कारिक ज्ञान तो जैसे ओझल हो गए, Whatsapp/fb पर आज हम खुद ज्ञानी हो गए,
दिनभर online रहना और अच्छे अच्छे पोस्ट करने में क्या जाता है, और जब बात अमल की हो तो वो उपदेश हमे कहाँ समझ आता है,
वो पुराने group वाले फ़ोटो तो जैसा गायब ही हो गया, Selfie के चक्कर मे इंसान कितना स्वार्थी हो गया,
Last seen और status को ही अपनी ज़िन्दगी बता रहे, Whatsapp/fb पर online होकर खुद को busy बता रहे,
"11 लोगों को भेजो तो मनोकामनाये पूर्ण हो जाएंगी" और गंदी पोस्ट को खूब शेयर किये जाते है, खुद हरपल हरवक्त हरदिन बनते है बेवकूफ़ और अपने आप को group admin बताते है,
कभी हमारे पूर्वज गुरुकुल में पढ़ते और हमारा देश विश्वगुरु कहलाता, आज हमारे बच्चे कान्वेंट स्कूलों में पढ़ते और हमारा देश सबसे पीछे है आता..... वक़्त की अहमियत को समझिये...