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Jun 2018
तुम्हारे दिल का इंतेज़ार हु में।
तुम्हारे ज़ेहन का एतबार हु में।
तू नींद , में ख्वाब हु।
तुम्हारे जीस्त की में आफताब हु।
तुम्हारे हर सवाल का में जवाब हु।
Written by
Nmai
67
   Jayantee Khare
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