तूने मुझे ज़ख्मो के साथ जीना सीखा दिया, सिसकियों को छुपा,आंसुओ को पीना सीखा दिया, जो खूबसूरत सपने सजाये थे हमने तुम्हारे लिए, बस चन्द पलो में तूने उसे बिराना शहर बना दिया,
तेरी यादों के दिये इस सीने में जलकर राख हो गए, जो पल हमने बिताये थे तेरे साथ वो मिट्टी में मिलकर ख़ाक हो गए, लड़ता रहा मैं अपनी किस्मत से तुम्हारे लिए, और एक तुम किसी और के लिए मेरे साथ विश्वासघात कर गए,
इस छोटी ज़िन्दगी को हमने उस ख़ुदा के नाम कर दिया, किसी भी जन्म नही आऊंगा तेरे सामने,खुद से है वादा किया, करता रहूँगा दुआ हमेशा तुम्हारी सलामती के लिए, चाहे तुमने आँसुओ का समंदर ही क्यों न दिया,