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Apr 2018
तुम कन्हा हो
मेरी नींद
मेरी चैन
मैं तेरी याद में
खुद को याद कर रहा हुँ
जैसे की नीला अम्बर।।।
और प्यार की बूंदों में
वह नए नए रास्ते में घूमना
पलकों में ईश्क़
और मस्ती की महक़
और
तितली की तरह
बावरा भवरा मैं
चले प्यार में
चलते चलते
हँसी  दिल  में लिए
।।।
Ravindra Kumar Nayak
Written by
Ravindra Kumar Nayak  30/M/India
(30/M/India)   
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