Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Apr 2018
तुझे देख रहा था
बरसात की आदत से
निहारता तेरी आँखों को प्यार से
मत पूछ कितना पागल हु मैं
अब तो तुझ पर फ़िदा हु मैं
तेरी मोहब्बत मेरी इबादत
और तुझे याद करता पल पल
बारिश की हर बूँद में
।।।।
और
मेघ बरसने लगे
और
दिल में तूफ़ान
हर बूँद को यादों की नज़र से
देखता पागल दिल
।।।
Ravindra Kumar Nayak
Written by
Ravindra Kumar Nayak  30/M/India
(30/M/India)   
107
 
Please log in to view and add comments on poems