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Shrivastva MK
Poems
Apr 2018
मुझसे ना रूठ जाना....
ये हवायें रुठ जाए मुझे मंजूर है,
ये साँसे रुक जाए मुझे मंजूर है,
पर आप हमसे ना रुठ जाना,
अगर सो जाऊ मैं गहरी नींद से
एक बार मेरे सीने पर हाथ रख जरूर जगाना,
पर मुझसे रुठ ना जाना,
आँखों मे आँसू हो फिर भी मुस्कुराना,
मैं हमेशा आपके साथ हु,
ये बात अपने दिल को समझाना,
पर आप मुझसे ना रुठ जाना,
ये मौसम रुठ जाए मुझे मंजूर है,
इस बेरुखी दुनिया से साथ छूट जाए मुझे मंजूर है,
पर आप हमसे ना रूठ जाना,
अगर नाराज हो जाऊं आपसे,
मुझे मार मार के मनाना,
पर आप हमसे ना रुठ जाना,
अगर मिलने से पहले ही छुप जाऊ मैं,
उस चाँद को देख मुस्कुराना
पर मुझसे रूठ ना जाना
पर मुझसे रूठ ना जाना
Written by
Shrivastva MK
23/M/INDIA
(23/M/INDIA)
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