अपनी आवारगी में तुझको खोया अब नज़र से दूर हमनज़र में पाया जिंदगी की ख़ास तालाब के पास ढूंढ़ता एक कहानी तितली के रंगों को देख के रंग बिरंगा हो गया एक ही पल में पल दो पल और ठेहर गया कहानी को याद में लिए फिर से खोया फिर न जागा न सोया ईश्क़ की तलाब तालाब की ताल में ।।।