Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Mar 2018
माँ के दरबार मे जिसने भी सिर झुकाया है,
माँ के दरबार से कुछ ना कुछ जरूर पाया है,
हमारी जगदम्बे माता है इस जग की खेवैया,
जिसने सारे जहां का बेड़ा पार लगाया है,

जो भी माता के पास रोते हुए आया है,
माता ने उसे अपने दिल मे बसाया है,
रख के अपने आँचल के छाँव में माँ ने,
उसे सबसे सफल इंसान बनाया है,

माँ के चरण में जिसने सिर झुकाया है,
माँ ने उसे सही गलत का आइना दिखाया है,
उसकी सारी मुरादे पूरी कर जगत माता ने,
उस पर अपने प्यार का अमृत बरसाया है...

जय माता दी...
माता आप सभी की मुरादे पूरी करे और आपकी झोली खुशियों से भर दे...
आप सभी को नवरात्रि की ढेर सारी शुभकामनाएं....
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
307
       ---, Neha agrawal and Shrivastva MK
Please log in to view and add comments on poems