Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Jan 6
समझाये भी तो कैसे जब खुद ही टूट गये है,
मनाये भी तो कैसे जब ये पल ही रूठ गये है,
अब इन आँसुओ की कोई कद्र नही करता साहब,
इंसान की नियत हैवान,दिल पत्थर हो गये है,

आज सच की तस्वीर पुराने हो गए है,
अब तो वो सारे लोग बेगाने हो गए है,
दुसरो की बात क्या करे साहब
यहाँ तो अपने-अपनो से पराये हो गये है,

सारे रिश्ते अपने अब टूट गए है,
सारे दोस्त  मुझसे रूठ गए है,
जिससे मिलती थी कभी हिम्मत मुझे,
वो आज कहि अनजान राहों में छूट गए है....

Plz spread happiness n don't hurt anyone...
Happiness gives only happiness but sorrow gives only sorrow....
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
18
 
Please log in to view and add comments on poems