आओ मिल कर कुछ अलग करते है, रूठी ज़िन्दगी में प्यार के रंग भरते है, चलो फिर से वही बिखरे बाग सजाते है जहाँ सभी एक साथ बैठ मुस्कुराते है,
आओ मिल कर एक नई सोच बनाते है, फिर से इस जहां को"सोने की चिड़िया"बनाते है, जाति-धर्म के हरेक बन्धन को तोड़ फिर से, वही चमचमाता मुस्कुराता "भारत" बनाते है,
आओ अपना कदम आगे बढ़ाते है, दिल से दिल तक का रिश्ता बनाते है, छोटे से प्यार और बड़ो का सम्मान कर फिर से वही मुस्कुराता परिवार बनाते है।