Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Nov 2017
माँ तू है तो उजाला
तू नही तो चारो ओर अंधेरा है,
माँ तू है तो चल रही सांसे
तू है तो हमारा सवेरा है,

माँ तेरे चरण में चारो धाम
तू माँ स्वर्ग का द्वार है,
तेरा आँचल जैसे पीपल का छाव
तेरी गोद मे ही हमारा संसार है,

माँ तू इस दुनिया की जननी
तू हम सबका सम्मान है,
तू माँ सर्व देवी-देवता
माँ तू हम सबका भगवान है,

माँ तू है तो हर घर
एक सफल परिवार है,
तू है तो माँ हर घर
मे खुशियो का अम्बार है

तेरे लिए मेरी माँ
मनीष के शब्द कम पड़ जाते है,
तुझे खुश देख माँ
सच मे खुशी से आंखे भर जाते है।
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
201
   Shrivastva MK
Please log in to view and add comments on poems