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suraj kumar singh
Poems
Nov 2015
mera man by suraj kumar singh
-: कहानी बने ?? :-
हम भी मजबूर है,
तुम भी मजबूर हो !!
हम बहुत दूर है
तुम बहुत दुर हो !!
फ़िर मोह्ब्बत कि कैसे
कहानी बने ??
मैं तड़पता रहु,
तुम तड़पती रहे
हम दिवानों कि ऐसी
कहानी बने !!
मेरी यादों मे तुम
युं न आया करो
मै कहीँ ?? पर रहूँ
मन कहीँ पर रहे ॥
तेरे बिन मेरी हालत है
कुछ ईस कदर
मीन जो रेत पर
जल बिना हि रहे !!
मेरी ख्वाबों मे दस्तक
दिया आपने
कि लगा लखों परीयाँ,
मुझे मिल गई ॥
निंद से जब जगा
बस अंधेरा ही था
तब लगा निंद मुझको
था कितना हंसी ॥
निंद से जब जगा
बस अंधेरा ही था
फ़िर मोह्ब्बत कि कैसे
कहनी बने ??
फिर से मैं सो गया,
ख्वाब देखुं तेरी
ख्वाब मे हीँ मुझे
गुद गुदी हो गई !!
तेरी यादो में मैं
कुछ यूँ खोया रहूं !!
मेरा मन है कहीं
तन कहिं पर रहें ??
मै तड़पता रहूँ
तुम तड़पती रहो
हम दिवानों कि ऐसी
कहानी बनें ॥
मै तड़पता रहूँ
तुम तड़पती रहो
हम दिवानों कि ऐसी
कहानी बनें ॥
हम भी मजबूर है,
तुम भी मजबूर हो !!
हम बहुत दूर है
तुम बहुत दुर हो !!
फ़िर मोह्ब्बत कि कैसे
कहानी बने ??
- सूरज कुमार सिँह
दिनांक :- 16 / 10 / 2014
brij886289@gmail.com
#man
#mera
Written by
suraj kumar singh
ODISHA
(ODISHA)
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