Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Oct 2015
दोस्त क्या कहलाता है
यह कौन हमे सिखलाता है
साथ हमेशा देना उसका
यह कौन हमे सिखलाता है ।

आऐ यहाँ हम जब अकेले
न कोई हाथ बढ़ाता है
अंजाने रास्तो पर एक पल से
साथ किसी का आ जाता है

चलते-चलते राह बदलते
वह साथ हमारा देता है
जो हर किसी के बसमे न हो
क्या वह दोस्त कहलाता है ।

सही राह दिखलाने वाले
गुरु का हाथ तो होता है
मुशकील मे साथ निभाने वाले
वही तो दोस्त कहलाता है ।


दोस्त क्या कहलाता है
यह कौन हमे सिखलाता है
साथ हमशा देना उसका
यह कौन हमे सिखलाता है

-संदीप कुमार सिंह ।
Sandeep kumar singh
Written by
Sandeep kumar singh  Nagaon, Assam
(Nagaon, Assam)   
572
   Earl Jane
Please log in to view and add comments on poems