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Sandeep kumar singh
Poems
Oct 2015
दोस्त क्या कहलाता है
दोस्त क्या कहलाता है
यह कौन हमे सिखलाता है
साथ हमेशा देना उसका
यह कौन हमे सिखलाता है ।
आऐ यहाँ हम जब अकेले
न कोई हाथ बढ़ाता है
अंजाने रास्तो पर एक पल से
साथ किसी का आ जाता है
चलते-चलते राह बदलते
वह साथ हमारा देता है
जो हर किसी के बसमे न हो
क्या वह दोस्त कहलाता है ।
सही राह दिखलाने वाले
गुरु का हाथ तो होता है
मुशकील मे साथ निभाने वाले
वही तो दोस्त कहलाता है ।
दोस्त क्या कहलाता है
यह कौन हमे सिखलाता है
साथ हमशा देना उसका
यह कौन हमे सिखलाता है
-संदीप कुमार सिंह ।
Written by
Sandeep kumar singh
Nagaon, Assam
(Nagaon, Assam)
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