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Oct 2015
तेरे जुल्फों ये काले बादल
प्यार की बारिस, ये मचाए हल-चल
है आंखो मे नूर, तुम हो चंचल
दिल मे मचाए ये, प्यार के हल-चल
तेरे जुल्फों के ये काले बादल ।

घन-घोर हरियाली, ये खिल खिलते चेहरे
मौसम की मार, ये बरिस जब बरसे
मची हल-चल हम, मिले जब तुमसे
ये तेरे मुसकुराते चेहरे
तेरे जुल्फों के ये काले-काले बादल ।

--संदीप कुमार सिंह।
Sandeep kumar singh
Written by
Sandeep kumar singh  Nagaon, Assam
(Nagaon, Assam)   
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