तेरे जुल्फों ये काले बादल प्यार की बारिस, ये मचाए हल-चल है आंखो मे नूर, तुम हो चंचल दिल मे मचाए ये, प्यार के हल-चल तेरे जुल्फों के ये काले बादल ।
घन-घोर हरियाली, ये खिल खिलते चेहरे मौसम की मार, ये बरिस जब बरसे मची हल-चल हम, मिले जब तुमसे ये तेरे मुसकुराते चेहरे तेरे जुल्फों के ये काले-काले बादल ।