संसार वालो ! मत पड़ो तुम, इस धर्म के जल मे, ये सब तो है बेकार, मानव धर्म है सब से महान, सीख लो तुम ये संस्कार।
कबीर दस ने हमे सिखाया, मानवता का ज्ञान, मूर्ति पुजा करने से मिले न हमे भगवान ।
संसार वालो! मानव मे है ईश्वर करो मानव का सम्मान, ईश्वर मे है श्रद्धा तो गरीबो को करो कुछ दान।
जो खर्च किये है तुमने ईश्वर के नाम, वह खर्च कभी न आएगा तुम्हारे किसी भी काम। अगर मानव के प्रति नहीं है श्रद्धा नहीं है ध्यान, तो ईश्वर भी नहीं मेहरबान।