Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Oct 2015
वर्षा रानी जल्दी आना,
आकर सब की प्यास बुझाना,
थोड़ी- थोड़ी ही तुम आना,
आपने दर्शन देती जाना ।


पता तुम्हें क्या बीत रही है,
इन धधकती ज्वालों में,
गर्मी से जलती धरती, और
हवाओं के हर झोकों में ।

तन – मन मेरा काँप रहा है,
सब खून – पसीना सूख रहा है,
सूरज से निकली तापो में,
दुनियाँ ये सारा झुलस रहा है,

वर्षा रानी जल्दी आना ,
आकर हम सब की प्राण बचाना।

एक सिकायत करता हूँ मैं,
बादल फट के तू न आना,
गर्जन के संग तू न आना ,
आँधी लेकर तू न आना,
आना तो बस ऐसे आना,
सब को जीवन देती आना ।

वर्षा रानी जल्दी आना,
आकर सब की प्यास बुझाना,
थोड़ी – थोड़ी ही तुम आना,
अपना दर्शन देती जाना ।
वर्षा रानी जल्दी आना ।

------- संदीप कुमार सिंह ।
Sandeep kumar singh
Written by
Sandeep kumar singh  Nagaon, Assam
(Nagaon, Assam)   
626
 
Please log in to view and add comments on poems