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Jul 2015
उनको पूजु है मन अब मेरा हो रहा
जन्म दाता है जो , जन्म जिसने दिया
है वो नर,
पर नारायण सा लगने लगे ।
सोये हम इसलिए जब वो जगने लगे ।
माँ पिता के कई रूप अंजान है
मै पुजारी हूँ
वो मेरे भगवान है ,
इस जहाँमे कोई पुष्प
है ही कहाँ ,
इनके चरणों में जो लाके
मै डाल दू ॥

मेरा तन मन समर्पण
मेरी आतमा,
जिसको चाहो चूनों अब
मेरी भोली माँ

मेरे पापा ,
मै बालक
कहूँ और क्या ??
रक्त हर तरल
आपके पग धरू ॥

जन्म दाता,
ये भी भेट कम लग रहा
पर मै हूँ बालक तुम्हारा
करू और क्या ??

तुझ को पूजु है मन, अब मेरा हो रहा
जन्म दाता है तु, जन्म तुमने दिया ॥

सूरज कुमर सिहँ

दिनांक – 21 – 07 - 2015
suraj kumar singh
Written by
suraj kumar singh  ODISHA
(ODISHA)   
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